विचारो की अभिव्यक्ति के लिए आप सभी को धन्यवाद आप सभी के विचार ही मुझे प्रोत्साहित करते है!....

सोमवार, 30 मई 2011

खामोशी

खामोशी एक ऐसा गुण है जिसके कारण इंसान की बर्बादी व् आबादी दोनों ही होती है ,लेकिन आबादी तो बहुत ही कम होती है ,लेकिन बर्बादी ही हमेशा होता है क्योंकि इंसान जब खामोशी को धारण कर लेता है तो लोग उसे उसकी एक कमजोरी समझकर उसका गलत फायदा उठाने लगते है भले ही वो खामोशी हमने उस व्यक्ति को इज्जत देने के लिये ही क्यों न धारण कर रखा  हो ! अत: अब मुझे तो समझ में नहीं आ रहा है की  क्या अपनी खामोशी को तोड़ करके हमें उस व्यक्ति को कड़े शब्दों  में उत्तर देना चाहिए या अपनी खामोशी को कायम रखना  चाहिए लेकिन यदि हम फिर से खामोश रहते है तो वो हमारी एक आदत बन जाती है तथा जिसकी क्षतिपूर्ति हमें सम्पूर्ण जिंदगी करना पड़ता है व् समाज के सभी व्यक्ति उसका निरंतर फायदा उठाना शुरु कर देते है ! अत: रियल तो यही है की खामोशी को हमें तोडना पड़ेगा व् जरुरत पड़ने पर जबाब भी देना पड़ेगा !
Mani Bhushan Singh

2 टिप्‍पणियां:

  1. जहाँ मुखरता की जरूरत हो वहाँ ख़ामोशी तोडनी ही पड़ती है

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  2. सुरेन्द्र जी आपका तहे दिल से धन्यवाद जो आपने अपने विचारो की अभिव्यक्ती मेरे लेख पर प्रकट की

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