बेटे भी घर छोड़ के जाते हैं..
अपनी जान से ज़्यादा..प्यारा लेपटॉप छोड़ कर...
अलमारी के ऊपर रखा...धूल खाता गिटार छोड़ कर...
जिम के सारे लोहे-बट्टे...और बाकी सारी मशीने...
मेज़ पर बेतरतीब पड़ी...वर्कशीट, किताबें, कॉपीयाँ...
सारे यूँ ही छोड़ जाते है...बेटे भी घर छोड़ जाते हैं.!!
अपनी मन पसन्द ब्रान्डेड...जीन्स और टीशर्ट लटका...
अलमारी में कपड़े जूते...और गंध खाते पुराने मोजे...
हाथ नहीं लगाने देते थे... वो सबकुछ छोड़ जाते हैं...
बेटे भी घर छोड़ जाते हैं.!!
जो तकिये के बिना कहीं...भी सोने से कतराते थे...
आकर कोई देखे तो वो...कहीं भी अब सो जाते हैं...
खाने में सो नखरे वाले..अब कुछ भी खा लेते हैं...
अपने रूम में किसी को...भी नहीं आने देने वाले...
अब एक बिस्तर पर सबके...साथ एडजस्ट हो जाते हैं...
बेटे भी घर छोड़ जाते हैं.!!
घर को मिस करते हैं लेकिन...कहते हैं 'बिल्कुल ठीक हूँ'...
सौ-सौ ख्वाहिश रखने वाले...
अब कहते हैं 'कुछ नहीं चाहिए'...
पैसे कमाने की होड़ में...
वो भी कागज बन जाते हैं...
सिर्फ बेटियां ही नहीं साहब...
. . . . बेटे भी घर छोड़ जाते हैं..!(संकलित)
अपनी जान से ज़्यादा..प्यारा लेपटॉप छोड़ कर...
अलमारी के ऊपर रखा...धूल खाता गिटार छोड़ कर...
जिम के सारे लोहे-बट्टे...और बाकी सारी मशीने...
मेज़ पर बेतरतीब पड़ी...वर्कशीट, किताबें, कॉपीयाँ...
सारे यूँ ही छोड़ जाते है...बेटे भी घर छोड़ जाते हैं.!!
अपनी मन पसन्द ब्रान्डेड...जीन्स और टीशर्ट लटका...
अलमारी में कपड़े जूते...और गंध खाते पुराने मोजे...
हाथ नहीं लगाने देते थे... वो सबकुछ छोड़ जाते हैं...
बेटे भी घर छोड़ जाते हैं.!!
जो तकिये के बिना कहीं...भी सोने से कतराते थे...
आकर कोई देखे तो वो...कहीं भी अब सो जाते हैं...
खाने में सो नखरे वाले..अब कुछ भी खा लेते हैं...
अपने रूम में किसी को...भी नहीं आने देने वाले...
अब एक बिस्तर पर सबके...साथ एडजस्ट हो जाते हैं...
बेटे भी घर छोड़ जाते हैं.!!
घर को मिस करते हैं लेकिन...कहते हैं 'बिल्कुल ठीक हूँ'...
सौ-सौ ख्वाहिश रखने वाले...
अब कहते हैं 'कुछ नहीं चाहिए'...
पैसे कमाने की होड़ में...
वो भी कागज बन जाते हैं...
सिर्फ बेटियां ही नहीं साहब...
. . . . बेटे भी घर छोड़ जाते हैं..!(संकलित)
दिनांक 11/04/2017 को...
जवाब देंहटाएंआप की रचना का लिंक होगा...
पांच लिंकों का आनंदhttps://www.halchalwith5links.blogspot.com पर...
आप भी इस चर्चा में सादर आमंत्रित हैं...
आप की प्रतीक्षा रहेगी...
सुन्दर रचना !भावना से ओत-प्रोत
जवाब देंहटाएंसुन्दर।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब्ब ... अच्छी रचना है ... लड़कों के दिल को कोई नहीं देखता ... भावपूर्ण ....
जवाब देंहटाएंBahut bahut dhanybad ask sabhi ka vichar prakat karne ke liy
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर......
जवाब देंहटाएंवाकई लडकों को सहानुभूति भी कम ही मिलती है....