कुछ खास नही,फिर भी आस है
Mani Bhushan Singh
जीवन जिने का उल्लास है !
हर पल नया कुछ पाते है
छोड़ पीछे भी बहुत कुछ जाते है !
ख़ुशियो का तो हम करते है स्वागत
गम को पीछे छोड़ जाते है !
यही जिंदगी का राज है
कुछ खास नही,फिर भी आस है
जीवन जिने का उल्लास है !!
हर गम से लेते है हम सबक
कामयाबी पर मानते है ख़ुशी!
एक छोटे से दुःख से हम
हो जाते है दुखी :
लगता है जैसे हो गई जिंदगी बर्बाद !
फिर भी हार नहीं माना है
क्योंकि संघर्ष करना हमने जाना है !
कुछ खास नही,फिर भी आस है
जीवन जिने का उल्लास है !!
ख़ुशी कितनी भी छोटी क्यों न हो
दूर उसे जाने नहीं देते हम !
गम कितना ही बड़ा क्यों ना हो
पास उसे आने नहीं देते हम !
बस यही खुबिया ऐसी है जो इंसान
होने का एहसास दिलाती है !
बहुत कुछ पाने के लिए थोडा
खोने की प्रवृति हमें सिखाती है !
कुछ खास नही,फिर भी आस है
जीवन जिने का उल्लास है !
बहुत सुंदर संवेदनशील भाव समेटे हैं बेहद खूबसूरत रचना और पोस्ट करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएं'कुछ ख़ास नहीं फिर भी आस है
जवाब देंहटाएंजीवन जीने का उल्लास है '
........................सुन्दर रचना
..............आशा ही जीवन है
बस जीवन की यही आप बनी रहनी चाहिए ...
जवाब देंहटाएंhttps://www.advchauhan.in/p/free-legal-aid-camp-in.html
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